Sonia Gandhi: How The Girl From Orbsassano Became First Class Graduate From University Of Life
लाहौर कॉन्फिडेंशियल में एक भारतीय डिप्लोमेट भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में कहता है कि हम लोग बूढ़े पति-पत्नी की तरह हैं, एक-दूसरे से नफरत करते हैं मगर साथ रहते हैं. अंग्रेजों से देश की आजादी और पाकिस्तान को बने करीब 75 बरस हो रहे हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 की यह ओरीजनल फिल्म दोनों देशों के बीच तनातनी, धोखेबाजी, खुफियागिरी और ‘हनी ट्रैप’ की नई कहानी है. जिसमें पाकिस्तान की जमीन पर पनपा नया आतंकी सरगना वसीम अहमद खान भारत में खूनी धमाके कराने की योजनाओं पर काम करता रहता है. पाकिस्तान में भारतीय एजेंटों/राजनयिकों की हत्याएं करता है. हमेशा की तरह इस आतंकी को दहशतगर्द संगठनों के संग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी साथ मिलता है. दूसरी तरफ दिल्ली में रॉ का दफ्तर आतंकियों को फंडिंग करने वाले इस आतंकी सरगना की खोज में है. चूंकि दोनों तरफ के राजनयिक एक-दूसरे को पहचानते हैं, इसलिए रॉ लंबे समय से दिल्ली में मीडिया अटैची के रूप में काम कर रही अनन्या (ऋचा चड्ढा) को लाहौर भेजता है. अनन्या शायर मिजाज है. संवेदनशील और छोटी-छोटी बात पर इमोशनल हो जाने वाली. उसे बताया जाता है कि वह लाहौर जाकर रुचि के अनुसार अपने समय के पाकिस्तानी शायरों पर किताब लिख सकेगी. अनन्या जाती है मगर उसे पता नहीं कि किस जासूसी योजना के तहत रॉ ने उसे भेजा है.
लाहौर कॉन्फिडेंशियल में एक भारतीय डिप्लोमेट भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में कहता है कि हम लोग बूढ़े पति-पत्नी की तरह हैं, एक-दूसरे से नफरत करते हैं मगर साथ रहते हैं. अंग्रेजों से देश की आजादी और पाकिस्तान को बने करीब 75 बरस हो रहे हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 की यह ओरीजनल फिल्म दोनों देशों के बीच तनातनी, धोखेबाजी, खुफियागिरी और ‘हनी ट्रैप’ की नई कहानी है. जिसमें पाकिस्तान की जमीन पर पनपा नया आतंकी सरगना वसीम अहमद खान भारत में खूनी धमाके कराने की योजनाओं पर काम करता रहता है. पाकिस्तान में भारतीय एजेंटों/राजनयिकों की हत्याएं करता है. हमेशा की तरह इस आतंकी को दहशतगर्द संगठनों के संग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी साथ मिलता है. दूसरी तरफ दिल्ली में रॉ का दफ्तर आतंकियों को फंडिंग करने वाले इस आतंकी सरगना की खोज में है. चूंकि दोनों तरफ के राजनयिक एक-दूसरे को पहचानते हैं, इसलिए रॉ लंबे समय से दिल्ली में मीडिया अटैची के रूप में काम कर रही अनन्या (ऋचा चड्ढा) को लाहौर भेजता है. अनन्या शायर मिजाज है. संवेदनशील और छोटी-छोटी बात पर इमोशनल हो जाने वाली. उसे बताया जाता है कि वह लाहौर जाकर रुचि के अनुसार अपने समय के पाकिस्तानी शायरों पर किताब लिख सकेगी. अनन्या जाती है मगर उसे पता नहीं कि किस जासूसी योजना के तहत रॉ ने उसे भेजा है.
लाहौर कॉन्फिडेंशियल में एक भारतीय डिप्लोमेट भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में कहता है कि हम लोग बूढ़े पति-पत्नी की तरह हैं, एक-दूसरे से नफरत करते हैं मगर साथ रहते हैं. अंग्रेजों से देश की आजादी और पाकिस्तान को बने करीब 75 बरस हो रहे हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 की यह ओरीजनल फिल्म दोनों देशों के बीच तनातनी, धोखेबाजी, खुफियागिरी और ‘हनी ट्रैप’ की नई कहानी है. जिसमें पाकिस्तान की जमीन पर पनपा नया आतंकी सरगना वसीम अहमद खान भारत में खूनी धमाके कराने की योजनाओं पर काम करता रहता है. पाकिस्तान में भारतीय एजेंटों/राजनयिकों की हत्याएं करता है. हमेशा की तरह इस आतंकी को दहशतगर्द संगठनों के संग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी साथ मिलता है. दूसरी तरफ दिल्ली में रॉ का दफ्तर आतंकियों को फंडिंग करने वाले इस आतंकी सरगना की खोज में है. चूंकि दोनों तरफ के राजनयिक एक-दूसरे को पहचानते हैं, इसलिए रॉ लंबे समय से दिल्ली में मीडिया अटैची के रूप में काम कर रही अनन्या (ऋचा चड्ढा) को लाहौर भेजता है. अनन्या शायर मिजाज है. संवेदनशील और छोटी-छोटी बात पर इमोशनल हो जाने वाली. उसे बताया जाता है कि वह लाहौर जाकर रुचि के अनुसार अपने समय के पाकिस्तानी शायरों पर किताब लिख सकेगी. अनन्या जाती है मगर उसे पता नहीं कि किस जासूसी योजना के तहत रॉ ने उसे भेजा है.
लाहौर कॉन्फिडेंशियल में एक भारतीय डिप्लोमेट भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में कहता है कि हम लोग बूढ़े पति-पत्नी की तरह हैं, एक-दूसरे से नफरत करते हैं मगर साथ रहते हैं. अंग्रेजों से देश की आजादी और पाकिस्तान को बने करीब 75 बरस हो रहे हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 की यह ओरीजनल फिल्म दोनों देशों के बीच तनातनी, धोखेबाजी, खुफियागिरी और ‘हनी ट्रैप’ की नई कहानी है. जिसमें पाकिस्तान की जमीन पर पनपा नया आतंकी सरगना वसीम अहमद खान भारत में खूनी धमाके कराने की योजनाओं पर काम करता रहता है. पाकिस्तान में भारतीय एजेंटों/राजनयिकों की हत्याएं करता है. हमेशा की तरह इस आतंकी को दहशतगर्द संगठनों के संग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी साथ मिलता है. दूसरी तरफ दिल्ली में रॉ का दफ्तर आतंकियों को फंडिंग करने वाले इस आतंकी सरगना की खोज में है. चूंकि दोनों तरफ के राजनयिक एक-दूसरे को पहचानते हैं, इसलिए रॉ लंबे समय से दिल्ली में मीडिया अटैची के रूप में काम कर रही अनन्या (ऋचा चड्ढा) को लाहौर भेजता है. अनन्या शायर मिजाज है. संवेदनशील और छोटी-छोटी बात पर इमोशनल हो जाने वाली. उसे बताया जाता है कि वह लाहौर जाकर रुचि के अनुसार अपने समय के पाकिस्तानी शायरों पर किताब लिख सकेगी. अनन्या जाती है मगर उसे पता नहीं कि किस जासूसी योजना के तहत रॉ ने उसे भेजा है.